आस्था गोमय हवन कुंड

प्रस्तुत गोमय हवन कुंड - यज्ञचिकित्सा, दैनिक अग्निहोत्र, धूपन-आरती आदि कार्यों के लिए अत्यंत उपयोगी एक पोर्टेबल, नैनो, प्रीमियम यज्ञ प्रोडक्ट है ।

प्रयोग विधि
  1. पिघले गोघृत में गोमय हवन कुंड हल्का डूबाले व पैक कर सूखे स्थान में रखे जब हवन करना हो एक-एक निकाल कर प्रयोग करें।
  2. यज्ञवेदी के मध्य में कपूर अथवा घृतयुक्त रूई - बत्ती को जलाकर प्रज्वलित करें।
  3. यज्ञवेदी में गोमय हवन कुंड रख प्रज्वलित होने दें।
  4. प्रज्वलित हो जाने पर आवश्यकता अनुसार घृत व सामग्री की मन्त्रोच्चारण पूर्वक आहुति दें।
  5. यज्ञाग्नि शांत होने पर गुग्गुल, दिव्येष्टि आदि सुगंधित द्रव्य अथवा रोगानुसार हवन सामाग्री में गुग्गुल, गाय का घी मिलाकर अंगारों पर रखें और उठ रही मंद सी धूनी वाले वायुमंडल में योग- साधना करें।

 

यज्ञ चिकित्सा एवं प्रशिक्षण हेतु वीडियो प्लेलिस्ट देखें।

(यज्ञ न आने पर यज्ञ विधि विडियो चलाये व साथ हवन करें)

प्रयोग विधि

प्रतिदिन सुबह-शाम प्रस्तुत हवन सामग्री से रोग की अवस्थानुसार 21, 51 या 108 आहुतियां मंत्रोच्चारण पूर्वक प्रदान करें । प्रत्येक आहुति में 2 से 3 ग्राम गाय के घी के साथ उसी अनुपात में सामग्री की भी आहुति दें।

कक्ष में हवन करते समय खिड़की दरवाजे खुले रखें तथा हवन के पश्चात शांत अग्नि के अंगारों पर प्रस्तुत कफेष्टि हवन सामग्री, गुग्गुल व घी आदि द्रव्यों के मिश्रण को रखें व उठ रही मंद सी धूनीवाले वायुमंडल में रोगानुसार योगाभ्यास करें।

चिकित्सा संबंधित अधिक अनुभव देखने हेतु वीडियो प्लेलिस्ट देखें।

यज्ञ चिकित्सा एवं प्रशिक्षण हेतु वीडियो प्लेलिस्ट देखें।

(यज्ञ न आने पर यज्ञ विधि विडियो चलाये व साथ हवन करें)

यज्ञ संबंधित प्रश्नोत्तर, व्यवहारिक जीवन में यज्ञ की उपयोगिता, यज्ञ सम्बन्धित ज्ञान-विज्ञान, यज्ञ चिकित्सा ट्रेनिंग हेतु प्रत्येक “रविवार सुबह 7 बजें zoom & YouTube ऑनलाइन साप्ताहिक यज्ञ साधना”

हरिद्वार से हर द्वार
बने यज्ञीय परिवार।

ज़ूम (Zoom) का लिंक हेतु व यज्ञ संबंधित विभिन्न जानकारी हेतु +91-745-503-3407 नंबर पर वाट्सेप करें

शास्त्र, विज्ञान व प्रत्यक्ष अनुभव तीनों प्रमाण पर आधारित यज्ञ चिकित्सा PPT