गुग्गुल की धूनी से ग्वायकॉल, मेथेनामाइन, थोजोन, बोर्नियोल जैसे कॉम्पोनेंट- मॉलिक्यूल-गैसों, नैनोपार्टिकल्स एवं ऊर्जा या एनर्जी के रूप में रुपान्तरित होकर श्वसन आदि माध्यम से शरीर में प्रविष्ट होकर आरोग्य लाभ प्रदान करता है।
(यज्ञ न आने पर यज्ञ विधि विडियो चलाये व साथ हवन करें)
कक्ष में हवन करते समय खिड़की दरवाजे खुले रखें तथा हवन के पश्चात शांत अग्नि के अंगारों पर प्रस्तुत कफेष्टि हवन सामग्री, गुग्गुल व घी आदि द्रव्यों के मिश्रण को रखें व उठ रही मंद सी धूनीवाले वायुमंडल में रोगानुसार योगाभ्यास करें।
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