● कई जड़ी-बूटियों के मिश्रण से निर्मित है, जिससे यज्ञ-हवन करने पर आर -लिमोनेन, पैरामोमाइसि, 4-मेथॉक्सीसिन्नामलडिहाइड जैसे कॉम्पोनेंट, गैस, नैनोपार्टिकल्स एवं ऊर्जा के रुप में रुपान्तरित होकर श्वसन आदि माध्यम से शरीर में प्रविष्ट होकर कफ संबंधी रोगों जैसे कि दमा, श्वास, कास, स्वर्भेद, नज़ला, साइनस ,खांसी, आदि तथा अन्य सभी प्रकार के कफज रोगों के उपचार में अत्यंत लाभदायक सिद्ध होती हैं।
(यज्ञ न आने पर यज्ञ विधि विडियो चलाये व साथ हवन करें)
कक्ष में हवन करते समय खिड़की दरवाजे खुले रखें तथा हवन के पश्चात शांत अग्नि के अंगारों पर प्रस्तुत कफेष्टि हवन सामग्री, गुग्गुल व घी आदि द्रव्यों के मिश्रण को रखें व उठ रही मंद सी धूनीवाले वायुमंडल में रोगानुसार योगाभ्यास करें।
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